पिछले कुछ समय से सोने की कीमतों में तेजी लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। छोटे निवेशक हों या बड़े संस्थागत निवेशक, सभी यही जानना चाहते हैं कि आखिर सोने का दाम इतना क्यों बढ़ रहा है। आइए सरल भाषा में समझते हैं इसके प्रमुख कारण।
सोने की कीमत बढ़ने के मुख्य कारण
अनिश्चित दौर में सुरक्षित निवेश
जब दुनिया में युद्ध, आर्थिक मंदी या राजनीतिक तनाव जैसी परिस्थितियाँ बनती हैं, तो निवेशक अपनी पूँजी को सुरक्षित जगह लगाने की कोशिश करते हैं। सोना लंबे समय से सुरक्षित आश्रय (Safe Haven) माना जाता है। हाल की भू-राजनीतिक स्थितियों और अस्थिर माहौल ने सोने की माँग को तेज़ी से बढ़ाया है।
केंद्रीय बैंकों की बड़ी खरीदारी
भारत, चीन और रूस जैसे कई देश डॉलर पर निर्भरता घटाने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं। इन बैंकों की भारी खरीद ने वैश्विक स्तर पर कीमतों को और ऊपर धकेला है।
डॉलर और ब्याज दरों का प्रभाव
सोना और अमेरिकी डॉलर ज्यादातर विपरीत दिशा में चलते हैं। जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोने की कीमत बढ़ जाती है। इसी तरह, यदि अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोना निवेश के लिहाज से और आकर्षक हो जाता है।
महँगाई से बचाव
बढ़ती महँगाई से जब मुद्रा की क्रय शक्ति घटती है, तो लोग ऐसे निवेश की तलाश करते हैं जो मूल्य अक्षुण्ण रख सके। सोना सदियों से इन्फ्लेशन हेज यानी महँगाई से बचाव का सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। यही कारण है कि महँगाई दबाव के समय सोने की खास माँग बढ़ जाती है।
निवेश और आभूषण की मजबूत माँग
भारत और चीन जैसे देशों में सोना केवल निवेश ही नहीं, बल्कि परंपरा और संस्कृति से भी जुड़ा है। आभूषणों की लगातार बनी रहने वाली माँग के साथ-साथ गोल्ड ETF और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे नए साधनों ने निवेशकों की रुचि और बढ़ा दी है।
सीमित आपूर्ति
खनन की रफ्तार सीमित है और नई खदानें तेजी से विकसित नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में मामूली बढ़ी हुई माँग भी सोने की कीमतों को ऊपर धकेल देती है।
निष्कर्ष
सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता, महँगाई का दबाव, डॉलर की कमजोरी और केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी ने इसे और आकर्षक बना दिया है। आने वाले समय में यदि यही परिस्थितियाँ बनी रहती हैं, तो सोने के दामों में और मजबूती देखने को मिल सकती है।